Tuesday, 23 October 2018

मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए






तंग आ गया हूँ अब मैं भी तिल तिल कर मरने से,
रूह अब भी कांप जाती है कुछ भी गलत करने से,
हर साल थोड़ा थोड़ा करके मरना पड़ता है मुझे,
क्या रखना चाहते हो अगली बार के कलेशा {कलह} के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
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मुझे रूप बदलना पड़ता था अपने काम के लिए,
तुम रंग बदलते रहते हो थोड़े से नाम के लिए,
एक ही चेहरे के पीछे जब तुम्हारे इतने रूप देखता हूँ,
क्या तुमने भी तप किया था महेश के लिए 
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
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मुझे असुर कहने वाले तुम खुद एक जिहादी हो,
रेपिस्ट, देशद्रोही, विश्वासघाती तुम आतंकवादी हो,
मुझे गलत कहने वाले तुम तो अपनो के भी अपने नही,
किसी हद तक गिरोगे दुनिया के तमाशा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
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मुझे मार कर जो बटोरते हो थोड़े से खुशी तुम,
क्यो भूल जाते हो उसी में औरो की मयूषी तुम,
कितनो रुपये तुमने जला दिए आतिशबाजी में,
करते हो ये अगले दिन किसी बुरे संदेशा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
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अगर मैं प्रतीक हूँ बुराई का तो खत्म कर दो मुझे,
लाख बुराईयां तेरी क्या कभी नही दिखती तुझे,
मैंने नियम तोड़ा, तुम नियम बदल देते हो अपने हिसाब से,
कितने बदल लिए हो खुद को थोड़े पैसा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यों नही जला देते हमेशा के लिए.
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मैंने गलती की तो मैं दुराचारी, दुष्ट, पापी रावण हो गया,
हदें पार करके गलतियों की तुम्हारा हृदय पावन हो गया,
छल कपट तो जैसे विरासत में मिल गए हो तुम्हे,
राम बने फिरते हो WhatsApp, Facebook, Insta के लिए,
मुझे एक ही बार क्यों नही जला देते हमेशा के लिए.
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हाँ, अगर मैं रावण हूँ तो तुम अपना नाम सोच लो

This is how rawan feels about our society and behavior.
Not intended to hurt anyone by my words.

हाँ, अगर मैं रावण हूँ तो तुम अपना नाम सोच लो,
मैं बुराई का प्रतीक हूँ तो तुम अपनी पहचान सोच लो,
सदियों से मेरा अंत करने की कोशिश करते आये हो हर साल,
मुझे एक ही बार खत्म करने का कोई super plan सोच लो.
अगर मैं रावण.........

मैंने तो सिर्फ एक पर-स्त्री को देखा है, अपनी इन 20 eye से,
तुमने तो न जाने कितनो पर नज़र रखा है, Internet और WiFi से,
कर्म अगर मैंने बुरे किये है किसी को सिर्फ अपने घर में सुरक्षित रखकर,
तो rape करने के बाद भी मुझे गलत कहने वाले अपना काम सोच लो.
अगर मैं रावण.......

मेरे परिवार वाले मेरे मरने का दुख नही करते, इंतेज़ार करते है अगले साल का,
बीमा कंपनियों से परेशान हो गया हूँ, आफर देते है मुझे दोगुना माल का,
मेरे हर बार दहन होने का मतलब शायद तुम लोग कभी समझ ही नही पाओगे,
नज़रअंदाज करना हो तो मेरा आना बस मेरा इन्तेक़ाम सोच लो.
अगर मैं रावण........

मैं बुराई हूँ जिसे तुम कभी खत्म नही कर सकते, कभी मार नही सकते,
खुद को खत्म करना पड़ेगा इसके लिए, जो तुम कभी स्वीकार नही सकते,
हमने औरत को पर्दे में रखा तो उसकी मर्यादा कम नही हुई थी कभी,
स्त्री-पुरुष में समानता को तुम अपनी हवस का जरिया सरेआम सोच लो.
अगर मैं रावण........

तुम राम बनते फिरते हो समाज के सामने, news में और media में,
हाँ तुम्हारे नाम का एक page होगा भले ही, search इंजन Wikipedia में,
जिस राम ने मुझे मारा था वो अब कही दिखता नही है, कभी भी,
अपने आप को तो तुम बस एक मौका परस्त इंसान सोच लो.
अगर मैं रावण........

मैं असुर कुल से था इसका मुझे दुख था उस जमाने में, जब राम था,
पूरे ब्रह्मांड पर शासन करने का एक लक्ष्य था हमारा, यही एक काम था,
तुम ना शासन करना चाहते हो ना करने देना चाहते हो किसी को,
अब अगर असुरों से कही ज़्यादा गिरे हुए कोई है तो वो लालची इंसान सोच लो.
अगर मैं रावण........

बेवजह हर बार कुछ मूर्तियां, कुछ पुतले, कुछ रुपये जलाते हो,
आगजनी, भगदड़, आतिशबाजी में न जाने कितनो को रुलाते हो,
ये मेरी मृत्यु का नंगा नाच जो समझते हो आब तक तो सुनो,
इसे अपनी कुछ देर की खुशी के खातिर लोगो का परवान सोच लो.
अगर मैं रावण........

तुम्हारे भीतर की बुराई ने मुझे जिंदा रखा है आज भी,
इस बात को ठुकरा नही सकता तुम्हारा आदर्श समाज भी,
अगर ला सको राम राज्य फिर से तो आदर्श भारतवासी हो तुम,
और उस दिन को अपनी बदली हुई सोच का अंजाम सोच लो.
अगर मैं रावण........
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