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तुझे नज़र न लगे मेरे इश्क़ की, तो क्या हुआ अगर ये काजल नहीं है. |
अरे सुनो, कहीं तुम गलती न कर देना मेरी मोहब्बत को समझने में,
ये खूबसूरत ज़रूर है उर्दू की तरह, लेकिन मुश्किल नहीं है,
तुझे संवारा है तेरे ख़ुदा ने वाक़ई बड़े बारीकी और बखूबी से,
फिर भी तेरा ये नूर चेहरा मेरे लिए दीदार के क़ाबिल नहीं है,
हाँ, वो खूबसूरत है लेकिन कितनी ये मैंने कभी देखा ही नहीं,
उसने मारा होगा अपने हुस्न से कईयों को पर वो कातिल नहीं है,
सुना था ये इश्क़ एक अथाह समंदर है, लोग कहते है ऐसा,
लेकिन मेरी मानो तो ऐसा नहीं है कि इसका साहिल नहीं है,
जो साहिल पर खड़े हैं उतरने को समंदर में तो लौट जाओ,
मुझे देखो कि इसमे उतर कर भी मुझे कुछ हासिल नहीं है,
कुछ लोग है, जो तुम्हारे दर्द सुनकर वाह वाह करते हैं,
भले तुम शायर हो पर ये सामने कोई महफिल नहीं है,
अगर वो सुन ले जो मैं उससे कहना चाहता हूँ बिना कहे,
तो क्या हुआ जो उससे कहना केवल मेरी मंज़िल नहीं है,
उसको अगर पसंद है खिलौनों से खेलना तो भी अच्छा है,
वो समझ ले ये बस एक खिलौना ही है, मेरा दिल नहीं है,
तुम कह लेना मुझे भी मोहब्बत उसके चेहरे से ही है,
पर मैंने देखा है उसके चेहरे पर एक भी तिल नहीं है,
अगर चेहरे से मोहब्बत होती तो उसकी तस्वीर मांग लेता,
रोज कहता हूँ खुद से- "सुन तू बुजदिल नहीं है."
इश्क़ करना सिखाया है तुमने अपनी दक्षिणा में दिल ले लो,
थोड़े बहुत ठोकरें लगी हैं इसे पर ये चोटिल नहीं है,
फ़ायदा उठाकर अपनी मासूमियत का इसे तोड़ भी देना,
समझना ये तुम्हारा खिलौना ही है, मेरा दिल नहीं है,
उसकी अंग्रेजी बातों का पलट कर हमने जवाब नहीं दिया,
थोड़ा नासमझ नादां ज़रूर है दिल पर ये जाहिल नहीं है,
फ़ायदा उठाकर अपनी मासूमियत का इसे तोड़ भी देना,
समझना ये तुम्हारा खिलौना ही है, मेरा दिल नहीं है,
उसकी अंग्रेजी बातों का पलट कर हमने जवाब नहीं दिया,
थोड़ा नासमझ नादां ज़रूर है दिल पर ये जाहिल नहीं है,
आईने में खड़े शख़्स को बड़ी हंसी आई मुझपर एक दिन,
वो मेरा दर्द सुने बैठकर इतना बड़ा भी वो पागल नहीं है.