Friday, 24 April 2020

लड़ाई कोरोना से बा कि लोग से.......

Don't cross the boundary, Covid-19 may cross its limit too


उ खाटी देहाती ह, ओकारा भी जाने केताना बाहाना बा,
तू डांट के होनिया हट, त ओकारा फिर बहरिए जाना बा,
ठोठ लड़ावे में त तू पार ना पा सकब ओकारा से ए भाई,
तू विज्ञान के दू-चार बात जानेल, उ बतकुचन के खजाना बा,
मैदान करे खेत में जाये वाला, घरे कब तक बईठि,
खटिया दुवारी प डाल कुछ लोगन के रोज समाज जुटाना बा,


कभी खेती, कभी माल-गरु, कभी दूध, त कभी अनाज,
कभी सब्जी, कभी दवा-दारू, बस एही में फंसल समाज,
मन मार के उ रह ना सकेला, जेकरा घूमे के कीड़ा बा,
धरम आ काम के देके हवाला, निकलल होइहे आज,
घर में होखे गीता-रामायण, घरही बेद-पुराण गावाला,
कुछ लोग घरे आयत पढ़स, कुछ बहरी पढ़स नमाज़,


चिंता होला जब पढ़ल-लिखल, शहर में जाहिल भेटालन,
उ लोग भी एक से एक बहाना लेके, बहरी घूमे जालन,
मजबूरी के चादर ओढ़ के, निकलेला लोग बिंदास,
जुआ, खेल आ मस्ती करत, बढ़िया लोग पकड़ालन,
खीस बरेला जब लोग आपाना के, कहेला उस्ताद क दामाद,
एगो मरीज के सेवा के बेरिया, कोना में काहे लुकालन,


घूमे के काग़ज़ात बा इनका भी, जब तक नईखे लक्षण,
लक्षण मिलत-मिलत त केतना, लोग के हो जाई भक्षण,
इनकर खाईल पीयल शरीर, शायद इनिका के बचा ली,
बाकी जेकरा जेकरा में ठेकीहे, ओकर के करी संरक्षण,
जेने तेने मकौड़ा मरीहे त, बुझिह उनका के कुक्कुर,
आरोग्य सेतु ना download करीहे त कइसे होखी निरीक्षण,


कुछ मनबढुवा लोग त रोग पाल के, गूंगी सधले बाड़न,
के जानत बा कवन-कवन चीज़, उ छुवले-छवले बाड़न,
जेकरा जेकरा के घरे रहे के, कह के भेजले डॉक्टर बाबू,
उहे लोग सगरो घूम-घूम के, सारा ममिला बिगड़ले बाड़न,
दे तिया सरकार गरीबन के जब, राशन-पानी के सामान,
बिना जरूरत वाला भी ओहिजा, भीड़ लगवले बाड़न,


डॉक्टर पर पथराव देख के, मिजाज एकदम पितपिताला,
देवता के विरोध करे वाला, त असुरे नु कहल जाला,
सबसे ज़्यादा खीस बरेला, तरफदारी करे वालन पर, जे
राक्षस के राक्षस कहला पर, Secular-Secular चिलाला,
कवनो बात के आपाना धरम के, उपर जब केहु ओड़ेला,
चोर के दाढ़ी में तिनका वाला, कहावत सही बुझाला,


रिश्तेदार से मिलल दस दस रोपेया, कहीं पिग्गी फुटल,
समाज आ देश के दुश्मन बचावे में, समझदार लोग जुटल,
बिदेश में जाके पईसा वालू, वाइरस लेके लोग आइल,
Lockdown में केतना लोग के, नोकरी-चाकरी छुटल,
घर परिवार से दूर केहु, केहु घर में ही बा औंजाईल,
थाक गइल लोग घरे में रहके, एतना सुतल-सुतल,


अब पुलिस बेचारी केकरा केकरा, पर करो पहरेदारी,
केतना साफ-सफाई करस, Municipality के कर्मचारी,
डाक्टर नर्स से के कहलस, कि जान जोखिम में डालऽ,
गलती करे वाला खातिर काहे, देखावस लोग ईमानदारी,
लोग अपनही मुसीबत लेके, दोसरा पर गाज़ गिरावस,
केतना खाना पहुंचावल जाव, सभके दुवारी-दुवारी,


एगो जाहिल के बचावे खाती कुछ डाक्टर के बलिदान,
कही लोग कि चुनले बानी हम, पईसा से बढ़ के जान,
डाक्टर पुलिस पर ढेला मारे के, कवन धर्म में बा लिखल,
ई ना गीता बाइबल कहे, ना गुरु ग्रंथ साहिब ना कुरान,
समाज के दुश्मन भरल बाड़े, उ केहु के ना होखस,
जे ना वंदे मातरम कहे, आ ना हमारा भारत महान,


अब ई सब कहला में का बा, होनी त अब हो चुकल,
बाचल बा बस उहे लोग, जे जहां बा ओहिजे रुकल,
भुलल बिसरल हित मीत, अब आवे लागल ईयाद,
अब कहीं जाके उनका लोग के, समाचार लोग पुछल,
Overtime आ Tension से त, मिलल तनकी राहत,
नींद के गोली खाये लेवे वालु भी, बिना गोली के सुतल,


समाचार सुन सुन के जब, लोगवा के मन ऊबियाईल,
तब रामायण आ महाभारत, फिर से टीवी पर आइल,
देशप्रेम के पहिले जाति, धरम, समुदाय ना आवेला,
हरी अनंत हरी कथा अनंता, मुस्लिम गली में सुनाईल,
आटसप, फेसबूक त  उठ-बईठ से, असही भरल बड़ूवे,
थाली से कहीं शोर मचल, कहीं दियरी बा जगमगाईल,


कहीं पुलिस लोग गावे गाना, कहीं देखावे जादू,
कहीं पत्रकार पर भईल हमला, कहीं पिटईले साधू,
अफवाह के रफ्तार के आगे, झुकले महावीर हनुमान,
लॉकडाउन में लॉक तुड़ के, भीड़ बा भईल बेकाबू,
पत्थर, रोड़ा, ईंटा, ढेला, कहीं छत प बटोराईल,
कहीं त जान गला में लेके, भागस डाक्टर बाबू,


धर्म ना हउवे हिन्दू, मुस्लिम, पारसी, सिख, ईसाई,
धर्म त ह सभे के आपन, आपन करम कमाई,
धर्म प्रचारक खुदे धर्म के, ना जाने ला भाषा,
जवन सत्य के साथ ना देला, उ का धर्म सिखाई,
धर्म दया ह, धर्म क्षमा ह, धर्म मनुष्य के ज्ञान,
धर्म चेतना, धर्म ह भक्ति, धर्म ही दुआ-दुहाई,


हाथ धोयी साबुन-पानी से, चाहे करी Sanitize,
भोजन करी संतुलित, आ करत रही Exercise,
दाढ़ी-बाल बनाई चाहे, छोड़ दी राउर मरज़ी,
सुनी बात सरकार के, चाहे WhatsApp के advice,
मदद करी, सहयोग करी, आ बात मानी पुलिस के,
रउवे खाति नू कईले बा लोग, हेतना Sacrifice,


बिना जरूरी काम के रउवा, घर से बाहर ना जाईं,
आपन अनकर केहु होखे, दू गज के दूरी बनाईं,
एकही आदमी बहरी जाये, काम जरूरी बा त,
उहे दोकानी, उहे दूध के, उहे साग-सब्जी ले आयी,
जमाखोरी से बाचे के बा, नईखे कमी अनाज के,
घबरा कर के जल्दी-जल्दी, ज़्यादा सामान ना जुटाई,


घर में रह, चाहे बाहर रह, हमेशा नकाब लगाव,
भले खरीद बाज़ार से तू, चाहे घरही में खुदे बनाव,
हित-मीत चाहे यार संघतिया, कतनो गहरा होखस,
खून के रिश्ता होखे तब भी, आजकाल्ह घर पर ना बोलाव,
देश तोहार बा Charge हो रहल, बीच में Use मत करऽ,
ना त हो जायी Shut-Down तू, तनिका रहम देखावऽ,


आताना दिन अगर समय ना दिहलऽ, आपन कला के उपर,
अब ओकरा पर काम कर, अपना घर में ही समय बिताव,
नाचऽ - गावऽ , पढ़ऽ - लिखऽ, कुछ कविता पाठ पढ़ावऽ,
ओहू से ना त दिन-दिन भर तू, लीडो-छाका जमावऽ,
माई-बाबू के दऽ तू समय, चाहे कतही फोन धरावऽ,
मन बा त तू डायरी लिखऽ, ना त दोस्तन से बतियावऽ.
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Kalamwali
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Friday, 3 April 2020

किसी के Sorry का इंतज़ार नहीं करता...

My self-portrait sketch

मेरी प्रवृति, मेरी प्रकृति, मेरा अभिमान मांगने,
कुछ लोग आए थे मुझसे मेरी पहचान मांगने,
शब्द खंजर से लेकर कल जो आए थे पास मेरे,
कहा तो होता कि आए हैं मेरा प्राण मांगने,

कलेजे को पसलियों से छिपा रखा था मैंने,
मैं खुद भूल गया था कि कहाँ रखा था मैंने,
क्या खूब निशाना लगाया दिल तोड़ने वाले ने,
उसे बताया भी नहीं था कि वहाँ रखा था मैंने,

तुझे हक़ दिया है तो तू कर हंसी मज़ाक मुझसे,
तू मेरा दोस्त है न, तू बातें कर बेबाक मुझसे,
मुझे मार मेरी गलतियों पर या समझाओ तुम,
तेरी मर्ज़ी है तू चाहे तो हो जा नाराज़ मुझसे,

मुझे याद रहता है इतना हक़ मैंने किसे दी है,
उसे तो बिलकुल नहीं दी जो कल ही की है,
और जिसे जानता भी नहीं उसे कैसे दे दिया,
ये हक़ मांगे मुझसे फिर चाहे वो कोई भी है,

मैं ज़रा सलीके से पेश आता हूँ अनजानों से,
भले थोड़ी विनम्रता कम हो जाती है मेहमानों से,
जो भूले हुए या पुराने लोग हैं, अनजान तो नहीं,
हाँ पर कुछ खास रिश्ता नहीं मेरा दिवानों से,

भूले-बिसरे हो तो तुम मुझसे तू-तड़ाक कर लो,
मुझसे पुछो मैं कौन हूँ, मेरी आवाज़ याद कर लो,
अगर ये irritating है तो मुझे Black Listed करो,
मेरा नंबर search करो, उसके बाद बात कर लो,

लोग बड़े उम्मीद से Dial करते हैं नंबर पुराने
या तुम्हारा हाल जानना चाहते हों किसी के बहाने,
लेकिन कई बार तो नंबर बदल चुका होता है,
कभी लोग जान-बुझ कर बन जाते हैं अनजाने,

ऐसी भी बातें होती हैं, जो तुम न चाहो,
हमेशा वही फोन नहीं करता, जिसे पहचानो,
वो Wrong Number है या Right किसे पता,
उससे बात करो, उसके मकसद को जानो,

तुम कह देते बाद में करो, गर Frustrated हो,
गुस्सा हो लो, अगर किसी के लिए Awaited हो,
Call You Later का Reply दे दो, अगर Busy हो,
Clarification दे दो, जो लोगों से Irritated हो,

मैंने कोई बदतमीजी नहीं की जो तुम गाली दो,
ऐसा नहीं कि तुमने मुझसे पूछा हो, मैंने टाली हो,
कोई scheme नहीं बताई, न तुम्हारे Ex की बात की,
तुम याद करो, कोई ऐसी चीज़ जो मैंने मांगी हो,

मुझे उसका बुरा लग जाता है जो मैंने नहीं किया,
मीठे बोल की उम्मीद थी, क्या गलती वही किया,
तुमने गाली दी, तो मतलब गाली दी, चाहे किसी को,
तुम सोचते रहना तुमने गलत किया या सही किया,

तुम्हें कैसे पता मैं अनजाना हूँ, बदतमीज़ हूँ,
हो सकता था मैं दूर का रिश्तेदार हूँ, अजीज हूँ,
मैं नहीं जानता तुम कैसे React करते मेरी गाली का,
तुम Independent हो पर मैं स्थिर हूँ, दहलीज हूँ,

नाली अपनी हो या मोहल्ले की, नाली होती है,
आँख भर भी आए तब भी थोड़ी खाली होती है,
तुझे तेरी आदत, तेरी समझदारी मुबारक हो,
गाली आधी अधूरी हो तब भी वो गाली होती है,

अब क्या Sorry और Please don't mind लगाया है,
मैं देख चुका तुम्हारा चेहरा, जो तुम्ही ने दिखाया है,
इन बातों से अब मुझे कोई असर नहीं होता है,
दुख है, मेरे स्वाभिमान ने मुझे ये नहीं सिखाया है,

मैं किसी से भी उम्मीद लगातार नहीं करता,
इसीलिए सिर्फ Crush रखता हूँ, प्यार नहीं करता,
मुझे जब बुरा लगना होता है, लग जाता है,
फिर किसी के Sorry का इंतज़ार नहीं करता.


किसी को कुछ बोलने से पहले सोच लेना चाहिए, कई बार Wrong Number भी Right Number होते हैं.
कैसी लगी ये कविता, कमेंट करो यार, और मेरे Facebook page पर like करो.

Think what if people make mistakes and ask you not to mind it. I ask you not to mind and abuse you Madhar***. Won't you mind that? How is that possible. Also we have our self-respect, and we are responsible to that. If we don't mind to such mistakes, our self-respect will mind it. Don't flow in emotions all the time. The right is right, and the wrong is wrong all the time. No matter that is done mistakenly and unwillingly. May be the person, who has done the wrong, is right. So, don't be angry with him/her.
Text me in comment box, if any confusion or complication.

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