Friday, 3 April 2020

किसी के Sorry का इंतज़ार नहीं करता...

My self-portrait sketch

मेरी प्रवृति, मेरी प्रकृति, मेरा अभिमान मांगने,
कुछ लोग आए थे मुझसे मेरी पहचान मांगने,
शब्द खंजर से लेकर कल जो आए थे पास मेरे,
कहा तो होता कि आए हैं मेरा प्राण मांगने,

कलेजे को पसलियों से छिपा रखा था मैंने,
मैं खुद भूल गया था कि कहाँ रखा था मैंने,
क्या खूब निशाना लगाया दिल तोड़ने वाले ने,
उसे बताया भी नहीं था कि वहाँ रखा था मैंने,

तुझे हक़ दिया है तो तू कर हंसी मज़ाक मुझसे,
तू मेरा दोस्त है न, तू बातें कर बेबाक मुझसे,
मुझे मार मेरी गलतियों पर या समझाओ तुम,
तेरी मर्ज़ी है तू चाहे तो हो जा नाराज़ मुझसे,

मुझे याद रहता है इतना हक़ मैंने किसे दी है,
उसे तो बिलकुल नहीं दी जो कल ही की है,
और जिसे जानता भी नहीं उसे कैसे दे दिया,
ये हक़ मांगे मुझसे फिर चाहे वो कोई भी है,

मैं ज़रा सलीके से पेश आता हूँ अनजानों से,
भले थोड़ी विनम्रता कम हो जाती है मेहमानों से,
जो भूले हुए या पुराने लोग हैं, अनजान तो नहीं,
हाँ पर कुछ खास रिश्ता नहीं मेरा दिवानों से,

भूले-बिसरे हो तो तुम मुझसे तू-तड़ाक कर लो,
मुझसे पुछो मैं कौन हूँ, मेरी आवाज़ याद कर लो,
अगर ये irritating है तो मुझे Black Listed करो,
मेरा नंबर search करो, उसके बाद बात कर लो,

लोग बड़े उम्मीद से Dial करते हैं नंबर पुराने
या तुम्हारा हाल जानना चाहते हों किसी के बहाने,
लेकिन कई बार तो नंबर बदल चुका होता है,
कभी लोग जान-बुझ कर बन जाते हैं अनजाने,

ऐसी भी बातें होती हैं, जो तुम न चाहो,
हमेशा वही फोन नहीं करता, जिसे पहचानो,
वो Wrong Number है या Right किसे पता,
उससे बात करो, उसके मकसद को जानो,

तुम कह देते बाद में करो, गर Frustrated हो,
गुस्सा हो लो, अगर किसी के लिए Awaited हो,
Call You Later का Reply दे दो, अगर Busy हो,
Clarification दे दो, जो लोगों से Irritated हो,

मैंने कोई बदतमीजी नहीं की जो तुम गाली दो,
ऐसा नहीं कि तुमने मुझसे पूछा हो, मैंने टाली हो,
कोई scheme नहीं बताई, न तुम्हारे Ex की बात की,
तुम याद करो, कोई ऐसी चीज़ जो मैंने मांगी हो,

मुझे उसका बुरा लग जाता है जो मैंने नहीं किया,
मीठे बोल की उम्मीद थी, क्या गलती वही किया,
तुमने गाली दी, तो मतलब गाली दी, चाहे किसी को,
तुम सोचते रहना तुमने गलत किया या सही किया,

तुम्हें कैसे पता मैं अनजाना हूँ, बदतमीज़ हूँ,
हो सकता था मैं दूर का रिश्तेदार हूँ, अजीज हूँ,
मैं नहीं जानता तुम कैसे React करते मेरी गाली का,
तुम Independent हो पर मैं स्थिर हूँ, दहलीज हूँ,

नाली अपनी हो या मोहल्ले की, नाली होती है,
आँख भर भी आए तब भी थोड़ी खाली होती है,
तुझे तेरी आदत, तेरी समझदारी मुबारक हो,
गाली आधी अधूरी हो तब भी वो गाली होती है,

अब क्या Sorry और Please don't mind लगाया है,
मैं देख चुका तुम्हारा चेहरा, जो तुम्ही ने दिखाया है,
इन बातों से अब मुझे कोई असर नहीं होता है,
दुख है, मेरे स्वाभिमान ने मुझे ये नहीं सिखाया है,

मैं किसी से भी उम्मीद लगातार नहीं करता,
इसीलिए सिर्फ Crush रखता हूँ, प्यार नहीं करता,
मुझे जब बुरा लगना होता है, लग जाता है,
फिर किसी के Sorry का इंतज़ार नहीं करता.


किसी को कुछ बोलने से पहले सोच लेना चाहिए, कई बार Wrong Number भी Right Number होते हैं.
कैसी लगी ये कविता, कमेंट करो यार, और मेरे Facebook page पर like करो.

Think what if people make mistakes and ask you not to mind it. I ask you not to mind and abuse you Madhar***. Won't you mind that? How is that possible. Also we have our self-respect, and we are responsible to that. If we don't mind to such mistakes, our self-respect will mind it. Don't flow in emotions all the time. The right is right, and the wrong is wrong all the time. No matter that is done mistakenly and unwillingly. May be the person, who has done the wrong, is right. So, don't be angry with him/her.
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Kalamwali
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2 comments:

  1. Aiasa sabhi k sath hota hai magar




    Sabhi log ek pez pr utar nhi sakte

    Bahut sundar

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    Replies
    1. धन्यवाद आपका,
      हाँ ये सही है कि सभी को एक Page पर उतार नहीं सकते। ये तो सिर्फ उतना ही लिखा है जितना मुझे जानकारी है या बताया गया है। अभी तो ऐसे जाने कितने लोग हैं, जिनके साथ रोज़ ऐसी घटनाएं होती हैं। किसी को भी कुछ बुरा-भला कहने से पहले ठीक से सोच लेना चाहिए, उसका इरादा जान लेना चाहिए। खराब nature वाला इंसान भी कभी कभी अच्छे मकसद से फ़ोन कर देता है।

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