कि बड़ा होकर मैं तुम्हारी सेवा करूंगा, तुम्हारे दुख में साथ रहूंगा,
लेकिन देखो ना, मैं कितना स्वार्थी निकला, जो तुम्हे छोड़ दिया,
बोल दिया मेरे वेतन से तुम घर चला लेना, मैं फ़ोन किया करूंगा.
_______________
मैंने ज़िद करी थी जब जाने की, तुम किसी कोने में रो रही थी,
तुमने कई शहादतें देखीं हैं, इसलिए तुमने मुझे रोका था,
मैं नासमझ सा उम्र के साथ आये जोश में निकल पड़ा घर से,
तुम्हारे आशीर्वाद के लिए मेरी बीवी ने मुझे टोका था.
_______________
माँ मैंने देखा था पापा को चाचा से बात करने में उलझे थे शायद,
माँ मैंने देखा था छुटकी को मेरे पर्स में, तुम्हारी तस्वीर छुपाते हुए,
किताबें लिए हुए पैर छुआ था जिसने मेरा, उस भाई को देखा था,
आईने में देखा था मैंने मेरी बीवी को, आँचल में आंसू बहाते हुए.
_______________
रोहित को देखा था मैंने मेरी वर्दी में खुद की कल्पना करते हुए,
मेरी हिम्मत से बाहर था रोशनी को, मेरी पैरों से अलग करना,
मेरी टोपी जो घर आते ही मैंने तुम्हारे कमरे में रख दी थी,
मुझे देते हुए तुमने कहा था- पूरे समर्पण से देश की हिफाज़त करना.
_______________
माँ मैं जनता हूँ पापा जानबूझकर मुझे नज़रअंदाज़ कर रहे थे,
छुटकी की शादी की कम, मेरे लौट आने की बात कर रहे थे,
तुम्हारे आंसू भी जब नही थमे तुम्हारी ममता भरी आंखों में,
तुम गइया को चारा देने चली गयी, ये तुम्हारे अंदाज़ कह रहे थे.
_______________
माँ तुम सच में बहुत बहादुर हो, जो मेरा फ़ोन उठा लेती हो,
माँ तुम आज भी मेरे लिए स्वेटर बुनती हो, कशीदाकारी करके,
माँ मैं जानता हूँ भाई आज भी जलता होगा जब तुम नहीं देती,
अचार का वो डिब्बा, जिसमे रखा है मेरे लिए लोरी भरके..
_______________
जब मेरे मारे जाने की खबर तुमको कोई बताता नहीं होगा,
सबसे पहले दुश्मनों से ज़्यादा घरवालों पर गुस्सा करती होगी,
खुद कलेजे फाड़ कर रोती होगी, पहले तो बहुत ही ज़्यादा,
मेरी बीवी को तुम्ही चुप करा कर, अकेले आहे भरती होगी.
_______________
माँ मैं डर गया था यूँ मौत को अपने सामने देखकर बहुत ज़्यादा,
तुम्हारी आंख फड़फड़ाई होगी तो tv तुमने भी चालू किया होगा,
किसी न्यूज़ चैनल की आवाज़ सुनकर जब मेरी बीवी आयी होगी,
तुमने तुरंत चैनल बदलकर किसी सीरियल वाले पर किया होगा.
_______________
मैं तुम्हे माँ नहीं कह पाऊंगा, तुम आज भी मुझे बेटा कहती होगी,
पापा खेती करके देश की सेवा करते होंगे, भाई ट्यूशन पढ़ाकर,
रोहित को गांव के सरकारी स्कूल में ही भेजती होगी तुम ना,
और रोशनी को बड़ा किया होगा मेरी बचपन की बातें सुनाकर.
_______________
अपने छोटे बक्से से जब तुम मेरी बचपन की एल्बम निकाली होगी,
अपने भाग्य पर खुश हुई होगी, और उसी भाग्य पर रोई होगी,
दिल बहलाने के लिए मेरी बीवी का, मेरी हरकते सुनाती होगी,
कभी कभी तो मेरी बचपन की ही यादों में, बच्चों जैसी खोई होगी.
_______________
माँ, मेरे पास शब्द नही हैं तुम्हारी बहादुरी की तारीफ करने को,
तुमने मुझे जन्म दिया है इसका, ये देश तुम्हारा कर्जदार है,
तुम देखना मेरी कहानियां सुनकर कितने वीर जन्मेंगे अभी,
अपने बेटों की शहादत के लिए जाने कितनी माँ तैयार हैं....
Jay hind...
ReplyDeleteAfter all mother is mother.
जय हिन्द sir,
DeleteThank you for connecting with us. Share this link in your circle.
Jay hind
ReplyDeleteVery nice peony
Thanks sir. Thank you so much.
Delete