Thursday, 27 February 2025

तुम्हारी बारात में जाना था...

Illustration art

 


उस रात बहुत मायूस सा बैठा था, उस रात खैरात में खाना था मुझे,
शुरु में मिल जाता है सब Item, इसीलिए शुरुआत में खाना था मुझे,

बरस रहा होगा पैसा तुमपर, एकबार उस बारात में जाना था मुझे,
वसूलने नहीं थे खर्चे अपने, बस अपनी औकात में जाना था मुझे,

तुम्हे देखता किसी और का होते, काबू अपने जज्बात पर पाना था मुझे,
वो जिसके बाद मैं नहीं रहा कुछ भी, उनसे मुलाकात में जाना था मुझे,

मेरा दोस्त कहता है कट गया मेरा, उसी दोस्त के साथ में जाना था मुझे,
तुम्हें जोड़े में देख कर जो हाल होता, एकबार उस हालात में जाना था मुझे,

"मुबारक हो तुमको ये शादी" नहीं गाता, ना बीती बात पर जाना था मुझे,
वो तो बुलाया ही नहीं तुमने वगरना, तुम्हारी बारात में जाना था मुझे...


By the way, some links to approach me for my works (significant and trivial) are provided below:

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