Monday, 31 December 2018

And We Never Met.......

Just a poem. Nothing else than just words.
Just an art of mine.
I want assure that this poem is never about me. So, after reading this out, please don't mean something.

She was neither one of my friends, nor village mate,

She did not belong to my relatives. We met in class debate,

And once she told me that she would meet me again,

But a long time has passed, and she never met.


I shaw her for the first time walking fast on a street,

That was the first time, I felt my regular  heart-beat,

She crossed me slightly, and I remained looking at her,

Later I found that she was nobody but my classmate

But a long time has passed and she never met.


I attended every single class of mine, did not bunk,

I was completely in sense, not I was drunk,

when I decided to compete myself against her,

After all she was my competitor, being a classmate,

But a long time has passed and she never met.


The way she used to smile, the way she used to laugh,

Her angry look also was awesome, I can't explain even half,

I could not see moody expression on her beautiful face,

So, in making jokes for her smile, I never got a little late,

But a long time has passed and she never met.


She was right often on some topic, while class lecture,

She was good in drawing chemistry atomic structure,

To prove her wrong, I had an arguement with teacher very often,

I have been punished many times to be out of gate,

But a long time has passed and she never met.


We became friends, who teased each other for no reason,

We were Love birds in different angles and many vision,

We did not share our notes and discussions in class,

Her beautiful handwriting is not recognised to me as yet,

But a long time has passed and she never met.


I did never because of my attitude, but she said- You're right.

That was what my friends used to address as Love Fight,

She was sharp mind, but did not result better than me,

My belief was in doings and that of her was in Fate,

But a long time has passed and she never met.


Even after her no attitude, I named her miss attitude,

Her treat for everyone was soft, I treated them rude,

She was going good for her wills, dreams and goals,

She adviced me doing the same and move on to life set,

But a long  time has passed and she never met.


I want meet her last time, to say I was not waiting for her,

That all, she told me are enough for me to take care,

I want to say, I just miss those days when she was in my life,

I know to take any decision, it has been so late,

But a long time has passed and she never met.


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Friday, 28 December 2018

तुम.....

Love Proposal
A screenshot from my favorite song that days MUJHE KAISE PATA NA CHALA.
सच बदनाम और झूठ उदास कर देती है उसको,
हाँ ये अलग बात है कि वो इससे अनजान है,
ये credit ने महफिलों से दूर कर दिया मुझे,
उदास/बदनाम कैसे करू, आखिर मेरी जान है.
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उसे खुशी थी कि क़बूल हो गयी थी दुआ उसकी,
हसरत थी मुझे अपने दिल की feeling बताने की,
बड़ी तसल्ली थी मुझे मैंने उससे इजहार कर दिया,
उसने दुआ कि थी मेरे वहां से खामोश चले जाने की.
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सुना है पड़ोसियों में अक्सर कमियां दिख जाती है,
या इसे बहाना कहलो मेरे डर, nature, नसीब से,
जब जब उसे देखा है, क्या ग़ज़ब की लगती है वो,
हां ये और बात है उसे कभी नही देखा नज़दीक से.
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उसकी दी हुई smile का एक कतरा भी नहीं बचा,
किसी ने किश्तों में छीन लिया उसकी यादें देकर,
अब उसको सोच कर उदास हो जाता हूँ जाने क्यों,
वो जो पहले मुस्कुरा उठता था उसका नाम सुनकर.
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Let's see who is that girl.....
Some words about her.
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तुम गर्मी की सुबह हो, जो आने से पहले ही अक्सर गायब हो जाया करती है,
तुम जाड़े की शीतलता हो, जो अच्छी लगती है पर सेहत के लिए अच्छी नहीं,
तुम बारिश हो तूफान भरी, कही बहुत ज़्यादा हो, कही बिल्कुल ही नही हो,
तुम्हारे भीतर बसंत की बहार भी देखता हूँ, पर वो शायद उतनी सच्ची नहीं.
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किसी ने जानबूझ कर block कर दिया है, उससे आने वाली मैसेज हो तुम,
जिसने मेरा नंबर ना save किया न याद, तुम उसका आने वाला call हो,
तुम वो perfume हो जिससे कोई मेरे करीब नही आता, पर कोई बात नहीं,
तुम्हारे रहते किसी की entry नहीं दिल में, तुम इसकी protection wall हो.
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तुम वो एकलौती हो, जिसे मैं मेरी कह सकता हूँ, पर उसपर मेरा हक़ नहीं,
एक सपना हो तुम कोई बुरा सा, ना पूरा याद हो, ना ठीक से भुला हूँ मैं,
किसी और के दर्द की तरह हो तुम, चाहता हूँ अपना लूं पर हो नही पाता,
तुम मेरी सोच से ऊपर हो निस्संदेह, क्योंकि विचारों से एकदम खुला हूँ मैं.
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सबसे छिपा कर बड़े प्यार से सहेज कर रखा था जिसे, वो गुलाब का फूल हो,
अब तुममे वो बात नही, वो सुगंध नही, वो खूबसूरती नहीं जो चाहिए थी मुझे,
तुम्हे अपनाना थोड़ा से थोड़ा ज़्यादा मुश्किल है, मुझ जैसे सभी के लिए,
बस तुमसे जुड़ी वो सारी यादें फिर से ताज़ा हो जाती है, जब भी देखता हूँ तुझे,
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सुबह की गर्म चाय की तरह हो, करीब आकर भी लबों से दूर हो ठंढी होने तक,
तुम तो किसी चाबी जैसी हो, अक्सर ज़रूरत पड़ने पर ही गुम हो जाती हो,
तुम कोई कीमती कलम हो, जिससे लिखना नहीं चाहता कि खत्म हो जाएगी,
तुम balcony से लगा मेरा favorite कमरा, जो मेरी ArtRoom हो जाती है.
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कुल मिलाकर I Love You. But तुम्हारे होने ना होने से कोई फर्क नही पड़ता मुझे.
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Thursday, 13 December 2018

Dear Future Wife...

किसी के future wife के लिए एक proposal और कुछ नहीं. इसे मेरे लिए मत समझ लेना 

Dear future wife,

     देखो ना, तुम्हारे लिए कितना मेहनत कर रहा हूँ. तुम्हारे पापा को चाहिए सरकारी नौकरी करने वाला दामाद. वही बनने की कोशिश कर रहा हूँ. ताकि तुम्हे खुश रख सकूं. बदले में तुम भी मेरे परिवार में शामिल हो जाना. तुम्हे तो पता ही है, आजकल नौकरी मिलना कितना मुश्किल है. मुझे भी कोई शौक नही है नौकरी करने का. पैसे कमाना हो तो कोई भी profession करके कमा लूंगा. जैसे किसी private sector में, या अपने skill को थोड़ा और develope करके. लेकिन तुम्हारे घरवाले ना, इतने से मानेंगे नहीं. उन्हें चाहिए सरकारी नौकरी करने वाला लड़का. बस वही बन जाऊं, तो तुम्हे भी अपने परिवार का हिस्सा बना सकूं.
     चलो हम कुछ बातें रखते है, अपने future को लेकर. चलो कुछ शर्त रखते है, जो हमारे खुशी से हुए arranged marriage वाले जीवन में लागू होंगी.
तुम सुबह देर तक सो सकती हो, अगर थकान या अजीब सा कुछ महसूस हो रहा हो तो. तुम bed पर मुझसे दो कप चाय की भी उम्मीद कर सकती हो, जो मैंने बनाई हो, साथ में सुड़कने के लिए. तुम मुझे अपना best friend बनने की उम्मीद कर सकती हो, जिसपे तुम भरोसा कर सको, जिसके साथ खुलेआम कुछ भी share कर सको. तुम मुझे एक helper समझ सकती हो, जो kitchen में तुम्हारी help करे ना करे, लेकिन तुम्हारा entertainment ज़रूर कर सकता है. तुम मुझसे अपने चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान की उम्मीद कर सकती हो.
     अगर तुम्हे पसंद है, तो छोटी छोटी बातों पर Love Fight की उम्मीद कर लेना मुझसे. अगर पसंद नही हो तो मुझे एक सलाह देने वाला समझ लेना. इसका ये मतलब नही की मैं बस सलाह देता हूँ. मुझे भी किसी की ज़रूरत होती है, कुछ decisions लेने में, वहां तुम मेरा साथ दे देना.
अगर कभी हम दोनों ये decide नही कर पाए कि सही कौन है, तो हम अपने और एक दूसरे के parents से सलाह ले सकते हैं.

     Dear Future Wife,

     तुम कभी अगर सजना-संवारना तो मेरे लिए, मेरी तारीफों के लिए नहीं. हाँ, कभी कभी मैं बढ़िया बोल देता हूँ तारीफ में, इसका ये मतलब नही कि तुम उसकी आदत डाल लो. हर बार शब्द ही नहीं होते है तारीफ करने के लिए, कभी कभी नज़रों को भी पढ़ना पड़ता है. और हाँ, मैं तुम्हारे सुंदर होने की उम्मीद नही करता, तुम्हारे अच्छे होने का उम्मीद करता हूँ. तुम कम से कम अच्छी होना.
     हर weekend पर movie या किसी trip पर ले जाऊं, ये शायद possible नही हो पायेगा मुझसे. पर तुम उम्मीद कर सकती हो उस दिन को मैं बाकी के दिनों से बेहतर कर दूंगा. हर anniversary पर gift की उम्मीद ज़रूर करना, लेकिन वो expensive हो, ये उम्मीद मत करना. और हाँ, कभी कभी अगर भूल जाऊं तो याद दिला देना, रूठ मत जाना इसके लिए.
     घर के सदस्यों को उनके ओहदे के हिसाब से respect देने की उम्मीद मैं तुमसे करता हूँ, बाकी तुम खुद उतनीं समझदार होगी, ये मुझे पता है. भले मुझे ______ के पापा बोल के मत बुलाना, अगर अच्छा नही लगे तो. तुम मुझे आप बोल सकती हो, और कभी कभी तुम भी.
     मेरी हर शायरी में खुद के ज़िक्र को expect मत कर लेना, और मेरे कविता के लफ़्ज़ों को सच मत मान लेना. क्योंकि कविता में मैं वही लिखता हूँ जो लोगो को अच्छा लगे. और अच्छी लगने वाली बातें सच नही होती.
     तुम मुझपे शक कर लेना, अगर भरोसा कम पड़ने लगे तो. लेकिन शक को शक ही रहने देना, जब तक सच ना पता चले. और जब शक को यकीन में बदलने में ज़्यादा time लग जाए तो उसे भूल जाना.
     हमारे बच्चों को सिर्फ अपनी जिम्मेदारी समझने की गलती मत कर देना तुम.
     अगर घर में या रिस्तेदारों में से किसी की बात का बुरा लगे तो मैं तुमसे उम्मीद करता हूँ तुम मुझे सबकुछ सच सच बताओगी. बदले में तुम मुझसे एक सलाह या हल की उम्मीद कर लेना. अगर तुम्हे frankness पसंद है तो तुम किसी से बात कर सकती हो, अगर पसंद है तो serial भी देख लेना एक-आध.
     रोज instagram, facebook पर close-up भेजने की उम्मीद कुछ ज़्यादा मत करना मुझसे. लेकिन अगर memory ही बनानी हो तो मेरे stupid सी हरकतों को याद रख सकती हो, किसी diary में लिखकर.
     मैं गाना गा सकता हूँ, भले ही मेरी आवाज़ बेसुरी है. लेकिन नाचने की उम्मीद मत करना मुझसे. मैंने कभी अकेले में भी नही नाचा है, खुद के लिए भी नही. कविताओं के rhythm बनाने में मैं तुम्हारे help की उम्मीद करता हूँ, घर के कामो में तुम मेरे help ले लिया करना.
     हर रोज मेरे call करने का इंतेज़ार मत करना, हर वक़्त मेरे free होने की उम्मीद मत करना. लेकिन तुम भरोसा कर सकती हो कि मैं किसी भी गलत या बुरे काम में ना तो मौजूद रहूंगा, और ना ही किसी का साथ दूंगा.

Dear Future Wife,

     मुझे पता है कि तुम कही ना कही मेरे परिवार का हिस्सा बनने के लिए थोड़ा और Mature हो रही हो. कोई बात नहीं. मुझे तुम्हारे signal की ज़रूरत नहीं है. मैं भी तुम्हारे लिए struggle कर रहा हूँ. जैसे ही मेरी struggle कम हो जाए, मैं परिवार वालों, रिस्तेदारों, दोस्तो और गांव वालो को लेकर तुम्हे लेने के लिए आऊंगा. I am sorry कि तुमको कुछ दिन wait करना पड़ रहा है.
     वैसे तो और भी बहुत कुछ है, लेकिन आखिर में एक सवाल:-
     क्या तुम अपनी परेशानियां, अपने सुख, अपनी यादें, अपने smile, अपनी हंसी, अपने feelings, अपने अनुभव, अपनी जिम्मेदारियां, अपनी थकान, अपनी इच्छाएं और भी बहुत कुछ मेरे साथ share करते हुए मेरा साथ पाना चाहोगी?




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Sunday, 9 December 2018

अनजाने से अनजानों तक.....

Screenshot from my Chat History.......

हां, मुझे याद आता है अच्छे से, किसी न किसी दिन बताया था आपने,
Interest शुरू से ही मेरा ही था आपमें, ये एहसास दिलाया था आपने,
आपके number से ज़्यादा मुश्किल था, आपको message के बहाने ढूंढना,
बस थोड़े से ही पल में कुछ यूं, खुद को मेरे भीतर बसाया था आपने....
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Message की शुरआत मैंने की थी, तब आपने उसको ignore किया,
फिर खुद का intro लिखकर, आपको text मैंने once more किया,
7-8 messages के बाद कही, आपका Hi लिखकर reply आया था,
आपका reply देखकर खुशी में, मैंने 15-20 messages और किया...
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आपके हर dp पर comment किया, थोड़े से impression के लिए,
हर status का reply किया, बस थोड़ी देर conversation के लिए,
मुझे लगा था मेरी तारीफें आपको अच्छी लगती थी, पर मैं गलत था,
उतनी तारीफ तो कोई भी कर देता है, लोगों के consolation के लिए...
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फिर धीरे धीरे मेरे messages का, आपकी ओर से आने लगा reply,
तुम्हारे ही message का wait करती हूँ,- was your biggest lie,
जब आपको कोई काम नहीं होता था, आपका message आता था,
कब आपका message आ जाए इसलिए, हमेशा मैं रहता था online...
_________________________________________________________
आपने block भी किया, फिर phone करके unblock करना सीखा,
या तो इरादा था छुटकारा पाने का, या special feel कराने का तरीका,
मैं नासमझ फिर से message करने लगा, दुबारा उतनी ही खुशी से,
कुछ इस तरह कि reply में, आपका पागल हो तुम मुझे नहीं दिखा...
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एक सिलसिला चला कि charger बोर्ड में और phone हाथ में होता था,
बिना आपके Good Night और Sweet Dreams के मैं नही सोता था,
Light न हो तो brightness कम, और bettery saver को चालू करके,
कभी कभी data saver भी on करके, data और battery संजोता था...
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माँ पूछ देती है क्या बात है, मैं कोशिश करता हूँ जब काम में हाथ बटाने की,
वो पढ़ लेती है मेरी उदासी को बखूबी, जब कभी मैं सोचता हूँ मुस्कुराने की,
माँ पूछती है:- आजकल तेरी पढ़ाई phone पर क्यो नही हो रही है?
क्या कोई तरीका है शातिरों जैसा, माँ से अपनी उदासी और गम छुपाने की...
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पहले ignore करना, फिर reply फिर अपने मन से मुझको text करना,
पहले Hmmmm, फिर Okkkkk, फिर bye से see you next करना,
पहले reply भी नही आते थे, फिर message भी आने लगे आपके तो,
फिर delete for everyone, फिर गलती सुधार कर perfect करना...
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फिर से सब reverse करने में, आप ही ने तय किया है इस लंबे सफर को,
अब मेरे status बिना आपके seen के, पहुंच जाते है disappear को,
अपने मन से text तो दूर अब तो मेरे message का reply भी नही आता,
Busy लोगों से क्या बात करना- मैंने देखा नही था इस cover को...
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तुम busy रहने लगे हो- तो आपके message नही करने के बहाने हैं,
मैंने झूठ बोल दिया- हाँ, बहुत ज़्यादा*, सच से मुझे कौन सा नाम कमाने हैं,
ज़रा गौर करना मैंने आप को कही पर भी तुम नही लिखा है, गलती से भी,
क्योंकि आपकी नज़रों में तो, हम आज फिर से एक दूसरे से अनजाने हैं...
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Just words.
A chat to remember...........
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Saturday, 1 December 2018

तुम वो हो जो बस तुम हो, और कोई नहीं...

And only you.
Just you, my special someone.

मैंने जीना शुरू किया है तुमसे मिलने के बाद ही, इस बात को कोई भी, कभी भी काट नही सकता ये जानलो,
हमारा रिश्ता बाकी सभी रिस्तो से अलग है, हमारे बीच के प्यार को कोई कभी बांट नही सकता ये जानलो,
मतलब भरी इस दुनिया में तुम अकेली ऐसी मिली, जिससे मैंने प्यार करना सीखा एकतरफा और निस्वार्थ भी,
तुम्हे जब से जाना है सिर्फ तुम्ही को ढूंढता हूँ, या शायद तुम्ही ने मुझे कभी खोया नही हो, मेरे भूलने के बाद भी,
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जिस रोज तुम्हारे खिले हुए चेहरे के दर्शन हो जाते है, लोग अक्सर वजह पूछते है मुझसे मेरे मुस्कुराने की,
आज मैं जो हूँ उसकी वजह तुम भी तो हो, Credit तो तुम्ही को जाता है मुझे मुझसे मैं बनाने की,
तुम lucky बहुत हो बिल्कुल किसी कहानी के परी जैसी, तुम्हारे बारे में सोच कर ही मेरा मन बहल जाता है,
मुझे support तो करती ही हो तुम, मुझे promote भी करती हो, ये ज़रूरी नही समझती कभी दिखाने की,
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आज उस सवाल का जवाब सुन लो मुझसे, जिसपर मैं बस मुस्कुरा देता हूँ अपनी खामोशी छुपाने के लिए,
वो जो तुम कहते हो ना हमेशा की दिल टूटना ज़रूरी होता है, किसी शायर को शायर कहलाने के लिए,
मेरी किसी भी शायरी में उसका कभी ज़िक्र नही है, फिर भी उसने कभी कोई शिकायत नही की मुझसे,
चाहती नहीं कभी तुम कि मेरे सपने अधूरे रह जाए, पर हर सुबह मुझे आवाज़ लगा देती हो जगाने के लिए,
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तेरा होना भले होने जैसा न लगे, पर तेरा नहीं होना बहुत खलता है, कुछ इस तरह तुम्हारी आदत हो गयी है,
मेरे खुशियों की वजह हो तुम, मेरी दोस्त हो, तकलीफों में एक तुम्हारा नाम ही मेरे लिए इबादत हो गयी है,
जब से तुमको जाना है सिर्फ तुम्ही को जानना चाहा है, तुम बहुत प्यारी हो, बहुत अच्छी हो, कोई नही तुम्हारे जैसा,
जिस दिन तुम ना दिखो बेचैन हो उठता हूँ मैं, सचमुच तुम बिन जीना तो जैसे कोई आफत हो गयी है,
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तुमसे मिलने के पहले अगर मिला होता मैं तुमसे, तो मुझे यकीन है कि बस तुम्हे ही पाने के सपने बुनता,
मुड़ मुड़ कर देखता, सबमें तुझ ही को ढूंढता, जहां भी तेरा नाम सुनता या तुझ जैसी आवाज़ गुनता,
लो अंत में लोगो के सवाल और confusion को दूर कर देता हूँ, उसका ज़िक्र कर ही देता हूँ कि वो है कौन,
हमारा मिलना एक इत्तेफ़ाक़ है पर यकीन मानो, अगर मेरे बस में होता तब भी, मैं तुम्हे ही अपनी माँ चुनता.
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Love you Mom. Love you so much. I am sorry for my naughty and stupid acts. But you are my all time inspiration.
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A lot.
Please bless me for the best. Love you Maa.

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Tuesday, 13 November 2018

तुम नहीं जानते तुम क्या हो...........

You don't know what you are
A place, where I use to go, just to feel refreshed. Not intended to promote this school.

चलो आज कुछ नया करते है, हर चीज़ को अलग अंदाज़ से देखते हो तुम,
डूबता सूरज देखना अशुभ होता है शायद, बड़े गौर से उसे निरखते हो तुम,
तुम कोई कीमती खिलौना नही हो, पर किसी का भी मन बहला देते हो,
बस शब्दों से ही किसी के भी ज़ख्मो को, बड़े प्यार से तुम सहला देते हो,
तुम्हारे विचार जितने गंभीर है उतने चंचल भी, जैसे कोई प्यारी हवा हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

Perfect कोई नही है, पर तुम imperfect नही हो ये एक fact है बस,
खुद को किसी चीज़ के काबिल नही समझना, तुम्हारा एक act है बस,
वो जो दोस्ती को दोस्ती बनाये रखे, कुछ इस तरह के एक दोस्त हो तुम,
पर इस दिखावे के भीड़ भाड़ में, किसी सुनसान जगह पर lost हो तुम,
Trip cancel करना फितरत नही तुम्हारी, मज़बूरियों तले तुम जवां हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

Feeling को बयां करना बखूबी आता है तुम्हे, शब्दो से नही तो example से,
पूरी कविता तुम्हारी पढ़ते है हम, impress होकर तुम्हारे एक sample से,
रात भर इंतेज़ार सुप्रभात और दिन भर शुभ संध्या का, सूरज के लाल होने तक,
अक्सर जवाब तैयार रखते हो तुम जाने कैसे, कोई भी सवाल होने तक,
तुमसे बात करना थोड़ा असमंजस भरा है, पुराने शब्दो से बने तुम कुछ नया हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

तुम वैसे बहुत बोलते हो किसी से भी, पर first impression पर मौन हो तुम,
तुम्हारे दोनों चहरे बिल्कुल अलग अलग है, पहचान नही पाते कि कौन हो तुम,
अपने decision में future को priority देते हो तुम, दुसरो में उसके सोच को,
मेहनत पर भरोसा करने वालों में से हो तुम, न की किसी पैरवी, aproach को,
शुरुआत में बड़े boring हो तुम, बाद में एक सुंदर सा, यादगार कोई वाकया हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

कभी दिखे नही इसलिए लगता भी नही है, कि रोते भी होगे तुम किसी बात पर,
कभी उछले नही मन ही मन में भी, छुपा लेते हो अपनी feelings मुलाकात पर,
इश्क़ और मोहब्बत से दूर रहे हो तुम, प्यार से ज़्यादा इज्जत दिया है किसी को,
हंसी मज़ाक भी सोच कर करते हो, Good Behaviour तुम कहते हो इसी को,
तुमसे मिला तो लगा खुद से मिल गया, चलता फिरता तुम एक आईना हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

जितने simple तुम लगते हो देखने से, समझने में उतने easy नही हो,
वैसे काम तो बहुत है तुम्हारे जिम्मे, लेकिन हर समय तुम busy नही हो,
बहुत सारी खूबियां भरी है तुम्हारे भीतर भी, उभरते हुए एक कवि हो तुम,
जो रोशनी करे पर परछाई न बनने दे, सूर्योदय से ठीक पहले के रवि हो तुम,
Painter, writer, motivational speaker, खुद से ही तुम बयां हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.

हर दिन तुम्हारे लिए एक नया adventure है, बहुत पसंद है तुम्हे tour करना,
हर रोज़ एक नई memorable moment, tension को life से दूर करना,
Past एक सपना भर है ऐसा तुम कहते हो, जिसे खुली आंखों से तुमने देखा है,
Future एक कल्पना है तुम्हारे अनुसार, जो अभी तक हम सब से अनदेखा है,
Ego, attitude और self respect में फ़र्क़ करने वाले, आज तुम कहाँ हो,
तुम खुद के लिए कुछ भी हो पर हमारे लिए, तुम नही जानते तुम क्या हो.
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Tuesday, 6 November 2018

मैं नही, मेरा मन उदास है......

Just a drawing by me. I think you should check it out. Composing this poem was really a big challenge, and also getting a nice cover.
ये जो मुस्कुराता हुआ दिख रहा है ये मैं हूँ, भीतर मन की उदासी है,
वो चोट मेरे मन को बहुत दे चुकी है, लेकिन मेरे लिए ख़ुदा सी है,
ये emotions, ये feelings बस मेरे मन को आती है, मुझे नही,
शायद इसीलिए मन को आज भी किसी सच्चे मन की तलाश है,
मैं तो कब से बस यही कह रहा हूँ कि मैं नही हूँ, मेरा मन उदास है.
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जिसे सुनने की आदत हो गयी है, आज भी उससे बात करना चाहता है,
कुछ खुशियां, कुछ गम, कुछ पल share उसके साथ करना चाहता है,
न जाने क्या जिद है मेरे मन की मुझे भी समझ में नही आता कभी कभी,
वो जिसने block कर दिया है उससे message की आज भी आस है,
मैं तो कब से बस यही कह रहा हूँ कि मैं नही हूँ, मेरा मन उदास है.
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अक्सर मुझे जो अच्छा लगता है, मेरा मन उसे नकार देता है,
नकारने के पीछे अपने तुजुर्वे का हवाला वो हर बार देता है,
हमेशा अपने मन को ignore करके अपने दिल की सुनी मैंने,
पता नही क्यो मेरा दिल मेरे लिए मेरे मन से ज़्यादा खास है,
मैं तो कब से बस यही कह रहा हूँ कि मैं नही हूँ, मेरा मन उदास है.
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मेरे साथ वो दिखावे में हंसता नही है, मैं उसके साथ मुस्कुरा लेता हूँ,
मन रोने का नाटक नही करता, मैं उसके साथ भले गुनगुना लेता हूँ,
इसे नही पता कि लोग किसी को दुखी देखकर खुश होते है बहुत,
मेरी खुशी से जलने वाले लोगों की बातों में बहुत मिठास है,
मैं तो कब से बस यही कह रहा हूँ कि मैं नही हूँ, मेरा मन उदास है.
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जाना चाहता है ये सबसे दूर, वही जहाँ मेरे मन का मन लग सके,
जहाँ अपना तो कोई नही हो वैसे, फिर भी अपनापन लग सके,
यहाँ पर कोई अपना नही मानता, अपना कह सब लेते है भले ही,
कोई हो जो मन से मेरे मन को अपना ले बस इतनी सी प्यास है,
मैं तो कब से बस यही कह रहा हूँ कि मैं नही हूँ, मेरा मन उदास है
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Wednesday, 24 October 2018

थोड़ा और करीब आते है......

I think this cover describes my tittle exactly.
This is just an art, by me. Not intended to interfere anyone's social or individual life.
I was trying to find a nice cover, and then created my own.


हाँ, थोड़े थके हुए से लग रहे हो तुम, थोड़ी बुझी हुई सी मैं भी हूं,
तुम घुमावदार कोई पहेली हो, थोड़ी अनसुलझी हुई सी मैं भी हूँ,
थोड़ा excitment ज़रूर है पर थोड़ी शरमाहट भी हो रही है,
थोड़ा सा साथ अगर तुम दे दो तो इसे मिलकर आसान बनाते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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अच्छा लगता है हर minute तुम्हारे फ़ोन का wait करना,
phone की हर ring पर तुम्हारे call को expect करना,
तुम्हारे वापस आने तक तो शिकायतों की list बन जाती है,
पर तुम्हारे झप्पी वाली Sorry के साथ ही, सब हवा हो जाते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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बहुत अच्छा लगता है हर रात तुम्हारे साथ बाहों में सोना,
अच्छा लगता है तुम्हारा चेहरा देखकर मेरी हर सुबह का होना,
सुबह उठ कर तुम्हे चूमना, दुनिया की सारी खुशी से बढ़कर है,
ये feeling बस ही तुम्हारे वापस आने तक मेरा दिन बनाते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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बताना चाहती हूं कि मेरे दिल में, Free के किरायेदार हो तुम,
नही जानते कि मेरी बेपनाह मोहब्बत के अकेले हक़दार हो तुम,
कहने को बहुत कुछ है पर तुम्हारे सामने भूल जाती हूँ सबकुछ,
मेरी feelings मेरे लबों से बाहर आ ही नही पाते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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तूम्हारी हमसफर हूँ मैं, तुम्हारी अच्छी दोस्त भी और हमदर्द भी,
पहली बारिश अच्छी लगेगी तुम्हारे साथ और पहली सर्द भी,
तुम्हारे सुख-दुख में तुम्हारा साथ मैं दूंगी हमेशा जान लो,
परेशानियां भले तुम्हारी हो, पर मुझे भी उतना ही सताते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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तुम समझ पाओगे नही शायद तुम्हारी चोट पर रोना मेरा,
शायद ही सुन पाओ पास आते ही heart beat तेज़ होना मेरा,
हर रात सिर पर caring वाली kiss और थपकी,
ये सब चीज़े ही तो हर रोज मुझे अच्छी नींद सुलाते है,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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अंतिम सांस तक तुम्हे चाहना मैं कर लुंगी survive,
तुम्हारे absence के एक पल में भी I won't be alive,
तुमसे दूर जीना ना पड़ जाए, तुम बदल तो नही जाओगे,
मेरे ये बुरे खयाल मुझे अकेले में कई बार डराते हैं,
चलो हम एक दूसरे के थोड़ा और करीब आते है.
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Tuesday, 23 October 2018

मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए






तंग आ गया हूँ अब मैं भी तिल तिल कर मरने से,
रूह अब भी कांप जाती है कुछ भी गलत करने से,
हर साल थोड़ा थोड़ा करके मरना पड़ता है मुझे,
क्या रखना चाहते हो अगली बार के कलेशा {कलह} के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
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मुझे रूप बदलना पड़ता था अपने काम के लिए,
तुम रंग बदलते रहते हो थोड़े से नाम के लिए,
एक ही चेहरे के पीछे जब तुम्हारे इतने रूप देखता हूँ,
क्या तुमने भी तप किया था महेश के लिए 
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
.......................................................................................................
मुझे असुर कहने वाले तुम खुद एक जिहादी हो,
रेपिस्ट, देशद्रोही, विश्वासघाती तुम आतंकवादी हो,
मुझे गलत कहने वाले तुम तो अपनो के भी अपने नही,
किसी हद तक गिरोगे दुनिया के तमाशा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
.......................................................................................................
मुझे मार कर जो बटोरते हो थोड़े से खुशी तुम,
क्यो भूल जाते हो उसी में औरो की मयूषी तुम,
कितनो रुपये तुमने जला दिए आतिशबाजी में,
करते हो ये अगले दिन किसी बुरे संदेशा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यो नही जला देते हमेशा के लिए.
.......................................................................................................
अगर मैं प्रतीक हूँ बुराई का तो खत्म कर दो मुझे,
लाख बुराईयां तेरी क्या कभी नही दिखती तुझे,
मैंने नियम तोड़ा, तुम नियम बदल देते हो अपने हिसाब से,
कितने बदल लिए हो खुद को थोड़े पैसा के लिए,
मुझे एक ही बार क्यों नही जला देते हमेशा के लिए.
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मैंने गलती की तो मैं दुराचारी, दुष्ट, पापी रावण हो गया,
हदें पार करके गलतियों की तुम्हारा हृदय पावन हो गया,
छल कपट तो जैसे विरासत में मिल गए हो तुम्हे,
राम बने फिरते हो WhatsApp, Facebook, Insta के लिए,
मुझे एक ही बार क्यों नही जला देते हमेशा के लिए.
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Thanks.

हाँ, अगर मैं रावण हूँ तो तुम अपना नाम सोच लो

This is how rawan feels about our society and behavior.
Not intended to hurt anyone by my words.

हाँ, अगर मैं रावण हूँ तो तुम अपना नाम सोच लो,
मैं बुराई का प्रतीक हूँ तो तुम अपनी पहचान सोच लो,
सदियों से मेरा अंत करने की कोशिश करते आये हो हर साल,
मुझे एक ही बार खत्म करने का कोई super plan सोच लो.
अगर मैं रावण.........

मैंने तो सिर्फ एक पर-स्त्री को देखा है, अपनी इन 20 eye से,
तुमने तो न जाने कितनो पर नज़र रखा है, Internet और WiFi से,
कर्म अगर मैंने बुरे किये है किसी को सिर्फ अपने घर में सुरक्षित रखकर,
तो rape करने के बाद भी मुझे गलत कहने वाले अपना काम सोच लो.
अगर मैं रावण.......

मेरे परिवार वाले मेरे मरने का दुख नही करते, इंतेज़ार करते है अगले साल का,
बीमा कंपनियों से परेशान हो गया हूँ, आफर देते है मुझे दोगुना माल का,
मेरे हर बार दहन होने का मतलब शायद तुम लोग कभी समझ ही नही पाओगे,
नज़रअंदाज करना हो तो मेरा आना बस मेरा इन्तेक़ाम सोच लो.
अगर मैं रावण........

मैं बुराई हूँ जिसे तुम कभी खत्म नही कर सकते, कभी मार नही सकते,
खुद को खत्म करना पड़ेगा इसके लिए, जो तुम कभी स्वीकार नही सकते,
हमने औरत को पर्दे में रखा तो उसकी मर्यादा कम नही हुई थी कभी,
स्त्री-पुरुष में समानता को तुम अपनी हवस का जरिया सरेआम सोच लो.
अगर मैं रावण........

तुम राम बनते फिरते हो समाज के सामने, news में और media में,
हाँ तुम्हारे नाम का एक page होगा भले ही, search इंजन Wikipedia में,
जिस राम ने मुझे मारा था वो अब कही दिखता नही है, कभी भी,
अपने आप को तो तुम बस एक मौका परस्त इंसान सोच लो.
अगर मैं रावण........

मैं असुर कुल से था इसका मुझे दुख था उस जमाने में, जब राम था,
पूरे ब्रह्मांड पर शासन करने का एक लक्ष्य था हमारा, यही एक काम था,
तुम ना शासन करना चाहते हो ना करने देना चाहते हो किसी को,
अब अगर असुरों से कही ज़्यादा गिरे हुए कोई है तो वो लालची इंसान सोच लो.
अगर मैं रावण........

बेवजह हर बार कुछ मूर्तियां, कुछ पुतले, कुछ रुपये जलाते हो,
आगजनी, भगदड़, आतिशबाजी में न जाने कितनो को रुलाते हो,
ये मेरी मृत्यु का नंगा नाच जो समझते हो आब तक तो सुनो,
इसे अपनी कुछ देर की खुशी के खातिर लोगो का परवान सोच लो.
अगर मैं रावण........

तुम्हारे भीतर की बुराई ने मुझे जिंदा रखा है आज भी,
इस बात को ठुकरा नही सकता तुम्हारा आदर्श समाज भी,
अगर ला सको राम राज्य फिर से तो आदर्श भारतवासी हो तुम,
और उस दिन को अपनी बदली हुई सोच का अंजाम सोच लो.
अगर मैं रावण........
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Saturday, 13 October 2018

Trust..!!!! What is this????

A WhatsApp Chat screenshot between me and the one, who made me write this poem.

जब तुमने कर दिया तो लगा तुम कर सकते थे,
जब तुम करने वाले थे तो लगा तुम कर लोगे
तुम्हारे साथ रहकर इतना समझने लगा हूँ,
कि कहां कहां किन कामों में साथ मेरा तुम दोगे
____________________________________
तुम वो हमेशा कर लेते हो जो तुम करना चाहते हो,
मुझे पता है अपनी कहानी के तुम अच्छे नायक हो,
तुम्हारे काम को तुमसे बेहतर कोई नही कर सकता,
फिर भी मुझे नही लगता तुम भरोसे के लायक हो
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तुमसे जब से मिले है हम, तुम अच्छे लगे हो,
कुछ अच्छे पल मेरे साथ ज़रूर बिता लेते हो,
तुम्हारा बर्ताव भी ठीक ठाक ही है मेरे सामने,
तुम्हारी कमियां तुम अच्छी तरह छिपा लेते हो
____________________________________
तुम्हे भीतर तक समझने का मौका नही मिला कभी,
मैं जौहरी नही जिसे परख करना आता हो हीरों की,
काफी बढ़िया से खुद को पेश करते हो मेरे सामने,
तुम अनुभवी सरदार जान पड़ते हो सभी शातिरों की
____________________________________
तुम वो हो नही जो मुझे लगता है की तुम हो,
तुम कुछ और ही हो मेरे आंखों से ओझल होकर,
कैसे याद रखते हो खुद को किस तरह रखना है,
मेरे सामने मुझ जैसा, मेरे बाद थोड़े निर्मम होकर
____________________________________
लोगो ने कुछ इस तरह तोड़ा है उम्मीदों को मेरे,
मैं किसी पे भरोसा करने के कबिल नही हूँ अब
जब भी कोई अच्छा सा, अपना सा लगता है कभी,
दिमाग मेरा पूछता है दिल से, क्या मैं सही हूँ अब?
____________________________________
डर क्यों लगता है मुझे भरोसा करने से अब
मैंने पूछा खुद से कई बार कि क्या है भरोसा?
एक उम्मीद है जो बंधती नही, विश्वास है जो होता नही,
इस उल्फत में कई बार, खुद ही को मैंने है कोसा
____________________________________
की सब लोग क्यों नही हो सकते मुझ जैसे?
की क्यो पता नही चल जाता कौन धोखा करेगा?
कि क्यों नही बदल सकती प्रकृति हमारी?
क्या ये इसी तरह मुझे प्यार करने से रोका करेगा?
____________________________________
मैं अब तक नही समझा कि भरोसा क्या है,
कोई बड़ी ही कीमती चीज़ होगी, और बड़ी नाज़ुक भी
सुना है जहां भरोसा नही होता वहां प्यार कम हो जाता है,
और शायद भरोसा कर पाने की आरजू भी
____________________________________
मेरी कोशिश होगी तुमको सही समझने की,
नही पलने दूंगा मैं अपने भीतर शक कोई,
तुम कुछ पल के लिए ही सही हमसफर हो मेरे,
मुझे तकलीफ देने वाला हो बेशक कोई
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जाओ, तुम्हे तुम्हारी दुनिया मुबारक,
मेरे दुनिया मे तो हमेशा प्यार ही पाओगे तुम,
मोहब्बत उतनी ही करेंगे जितनी कर सकेंगे,
जब कभी मेरे दिल की चौखट पर आओगे तुम
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Saturday, 25 August 2018

तो आओ, सुनी है मेरी कलाई

बंधन प्यार का, भाई बहन का नही.

अगर कोई वचन तो दूर दिलासा तक नहीं दे सकता तुम्हारी हिफाज़त का,
तो बांध दो मेरी कलाई पर राखी, इंतज़ार मत करो मेरी इजाजत का,
अगर कोई हाथ आगे नहीं आता की दे दे तुम्हें, थोड़े तोहफे तुम्हारी राखी की बंधाई,
तो आओ, बांध दो राखी मुझे और आशीष लेलों, कबसे तो सुनी है मेरी कलाई.
___________________________________________________________
इन बाजुओ ने तोहफे भर की कमाई नहीं की है, सिर्फ आशीर्वाद दे सकते है ये,
तुम्हारे चेहरे पे एक मुस्कान का इनाम तो सर-ए-आम दे सकते है ये,
भाई कोई अपना नहीं है तो क्या हुआ, क्या हिफाज़त के लिए ज़रूरी है एक भाई?
अगर तुम्हें ऐसा ही लगता है तो ये ही सही, आओ सुनी है मेरी कलाई.
___________________________________________________________
माँ पापा से हिफाज़त करती हो तुम मेरी, और तुम्हारी हिफाज़त हम करे?
अगर ये रिवाज है तो पूरा करो शौक से, हम बंधवा लेंगे ये भी अपनी आंखें नम करे,
भाई ने भी हिफाज़त करी है कई बार मेरी, तो ये रिवाज़ तुम्हारे लिये है मेरे भाई,
आओ आज सिर्फ रिवाजो को ही पूरा करते है, आज सुनी है मेरी कलाई.
____________________________________________________________
हिफाज़त तो बीवी को भी चाहिए, हिफाज़त माँ को भी चाहिए,
हिफाज़त अपनी बहन को ही क्यों, ये तो ज़माना को चाहिए,
हिफाज़त के लिए धागे बांधे सब तो, भगवान ने इतनी छोटी हाथ क्यों बनाई,
अगर कुछ लोगों को ही इसकी जरूरत है तो, आओ सुनी है मेरी कलाई.
____________________________________________________________
महंगे राखी बांधने वाली लड़कियाँ ज़्यादा सुरक्षित होती है,
या शायद हमारे राखी में बड़े लोगो के जितनी ताक़त नही होती है,
सस्ते तो हमेशा ही हार जाते है, जब होती है इनकी महंगे से लड़ाई,
पर एक उम्मीद कायम रखकर हर बार की तरह, सुनी है मेरी कलाई.
____________________________________________________________
क्या रक्षा हम उसी की करेंगे जो हमारी कलाई पर राखी बांधेगी?
जो हमारे थोड़े से पैसो को ठुकरा कर, हमसे कोई बड़ा सा तोहफा मांगेगी?
तो फिर देश की किसी भी माँ-बहन-बेटी को देश के रखवालों की याद नहीं आई?
इंतज़ार तो उन्हे भी है किसी प्यार, दुआ भरी राखी का, सुनी है उनकी कलाई.
I am sorry. I know I could be charge for copyright. But this is not for my publication. This is something about nation. People should be to think about this.

This image may subject to copyright. And I am sorry for this.

Wednesday, 15 August 2018

आजाद हो तुम.....

पूरी तरह आजाद हो तुम.....

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तिरंगा झंडा खरीदा तो ज़रूर होगा तुमने?
मस्ती में लहराया भी होगा उस झंडे को.
अगर उसी झंडे को अगले साल भी लहरा दो आसमान में तो समझू
तुम आजाद हो इसकी रक्षा के लिए हमेशा.
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कभी खेतो में काम करते देखा है किसानों को?
कुछ तो आज भी लगे होंगे खाद-बीज डालने में.
कभी पानी पीने को पूछा हो उनसे या दिया हो अपने मन से तो जाने
तुम आजाद हो किसी को पानी पिलाने के लिए.
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कभी गए हो बिन बताये अपनी खुशियों की खोज में?
दोस्तों के साथ सिनेमा हॉल या और कहीं खेलने.
घर मे मां या पापा को बता के गए जाते हो तो समझूँ मैं,
तुम आजाद हो उनसे बात करने के लिए.
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कभी राखी बंधवाई ही होगी कलाई पर बहन से?
किसी अनजान से तो कभी मिलते भी नही होंगे तुम इस दिन.
किसी गैर लड़की को अपनी कलाई बढ़ाओ राखी बांधने के लिए तो जानू
तुम आजाद हो उसकी सच्ची हिफाजत करने के लिए.
------------------
अपने घर से कभी मेला में या सड़को पे तो ज़रूर गए होगे?
गाड़ियों की संख्या पे खूब झल्लाते होंगे तुम?
कभी बिना काम के गाड़ी चलाना बन्द कर दो तो समझे हम,
तुम पैदल चलने के लिए आजाद हो.
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नेताओं पे बहुत गुस्सा आता होगा न तुम्हें?
तुम तो बहुत कभी कभी अपने विचार भी देते होंगे देश के लिए?
कभी घर के मुद्दों पर साथ मे बात चीत की हो तो कहो,
तुम घरेलू मामलों में अपना विचार देने के लिए आजाद हो.
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तुम्हे मुबारक हो तुम्हारी एक्सपर्ट जैसी driving.
भगवान करे तुम्हे कभी कुछ भी नही हो.
लेकिन जिन्हें अचानक से संभालना नही आता उनके लिए ही सही,
तुम आराम सड़क नियमों का पालन करने के लिए आजाद हो.
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तुम्हें किसी ने नही कहा सजा मत दो,
लेकिन बिना अधिकार के सजा मत दो कभी.
अगर जिद है सजा देने की तो जाओ आज,
तुम अधिकार पाने के लिए कोशिश करने के लिए आजाद हो.
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ये नया नया पर शौक चढ़ा है ना तुम्हे प्रेम का?
कभी किसी से जबरदस्ती भी करी होगी?
अगर कभी किसी की इज्जत बचा दो और उसकी नज़रों में ऊंचे हो जाओ तो जाने हम,
किसी से प्यार पाने के लिए तुम आजाद हो.
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देश को अगर कभी तुम्हारी ज़रूरत होती है तो जाओ,
तुमने बहुत ज़्यादा मेहनत की तभी तो चुने गए हो?
लेकिन अब जितना कहा जाए उतना ही ठीक से कर दो तो जाने,
तुम ईमानदारी से duty करने के लिए आजाद हो.
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Wednesday, 6 June 2018

हम single हैं, हमें single ही रहने दो..........

No copyrights reserve. The photo is downloaded from Google. I am sorry for that. But I had the only way.
मेरा तो एक ही फंडा है, लड़की को देखना और फिर नहीं देखना,
ये प्यार व्यार, ये आशिक़ी, ये दिल्लगी हमसे नहीं होती:
हमसे तो देखा भी नहीं जाता उन्हे अपनी ओर देखते हुए,
ये गुफ्तगू, ये इंतज़ार ये बंदगी हमसे नहीं होती।
हम जैसे है अपनी मर्जी से कम से कम जी तो रहे है.
हम जो है हमे वैसा ही रहने दो 
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हाँ, हमने सुना है किसी से, कही पे, किसी दिन,
अब तो हर रोज़ सुनते है कोई कहता हुआ मिल ही जाता है हर कही:
की ये मोहब्बत जितनी जल्दी हो जाती है पता नहीं चलता,
पर मोहब्बत निभाने वालों की कमी है अभी भी।
कुछ तो टूट गए कुछ छुट गए इस भीड़ मे दुनिया की.
कुछ बच गए है उन्हे तो बचे रहने दो 
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ये मोहब्बत निभा नहीं पाता तो मतलब ये नहीं की ये कर्ज है,
माँ-बाप भी खुश हो जाते है बेटे की खुशी मे:
यहाँ तो बंदी को गोलगप्पे से भी संतुष्टि नहीं मिलती
और बंदे की आधी से ज्यादा सैलरी जाती है उसी मे।
जो थोड़ी सी बचती है वो valentine और anniversary मनाते है.
किसी को तो घर के बारे मे सोचने दो
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गंदे कमीज पहन कर जो ट्यूशन आते है हफ्ते मे चार दिन,
उन्हे हर डेट पे नई t-shirt पहन कर जाते देखा है:
उनके single दोस्तो से भी मिला जो उसको अपनी t-shirt देते है,
उसके नए नए मोहब्बत का मज़ाक उड़ाते देखा है।
हमसे नहीं हो पाएगी ये नौटंकी अब कभी भी.
हम खुश है इस बात से दुनिया वालों को जलने दो
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कुछ लड़कियों को पसीने से allergy होती है,
make-up धुलने के खतरे को ही एलर्जि कहते है शायद:
उन लड़कियो को compliment देते हुए देखा है मेंने,
इसी चीज़ को कुछ लोग मोहब्बत कहते है शायद।
अगर ये मोहब्बत है तो फिर मैं single ही ठीक हूँ.
मुझे मेरे जैसा ही रहने दो
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मुझे एक लड़की अच्छी लगती है, इतना ज़रूर है मेरे साथ भी,
लेकिन इतना ही है की वो सिर्फ अच्छी लगती है:
उसके रूठने का खतरा नहीं रहता, उसके खर्चे की फिक्र नहीं मुझको,
वो प्यारी है बहुत, शायद  तभी अच्छी लगती है।
लेकिन मैं बस उसको देखता हूँ दूर से ही, बहुत दूर से.
उसको तो पता भी नहीं कोई उसको देखने वाला भी है।
मेंने अपनी कहानी मे इसी को मोहब्बत का नाम दे रखा है,
अगर ये एक तरफा है तो एक तरफा ही रहने दो
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मुझे क्या मिलेगा मोहब्बत को बदनाम करके, अपनी नजरों मे?
जो आज में करूंगा वो कोई स्वीकार नहीं करेगा:
लाएँगे न पापा मेरे लिए प्यार करने वाली, सबकी मर्ज़ी से,
फिर तो उम्मीद है कोई मेरे प्यार के बीच मे नहीं पड़ेगा।
करेंगे अपने हिस्से का मोहब्बत उसी एक से, उम्र भर.
तब तक के लिए भाई मुझे कुँवारा ही रहने दो
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Saturday, 5 May 2018

I am completely yours....... Trust me...


"Oh hi Shashi, what is there?"- sir asked me.
"Nothing sir. A while has passed since I have left this institute. So I was passing by the road, I just took a turn to see you." - I simply said.
after a long conversation, I turned back to my home.
"Hi Shashi." - she said.
She already had walked through the varandah, many times, in hope I would say Bye Bye to sir.
"Hi. How're you?" I asked.
"Good to see you." - she said.
"I am also fine." - I said.
after a silence of about thirty seconds, "I think I should leave now." - I said.
"Won't talk to me?"- she asked.
"Hey...." - I was shocked.
"Won't even look at me?" - she asked.
"When I entered into this institute, the first thing I am trying to ignore is your presence. And you say Won't I look at you?. See, if I could not even see you, why should I need to try ignoring you?" - I said.
"So, how are you?" - She asked.
"I said I am fine." - I said.
"Got married?" - she asked.
"What!!?? Have you gone mad? It's only three years, since we met last time. I am 20." - I said.
"So, what are you doing?" - she asked.
"Nothing great. Still looking for a job." - I said.
"And what about your hobbies?, Like your literature work and painting and all?" - she asked.
"All are stopped. My economical condition is not that good that I could continue it any more."
"I can understand. But you should have to keep trying. This can give you a good respect, money and a status. What else do you need?"
"This is very easy to say. I need to reach an audience, who can understand me, who can even promote me." - I said. "What are you doing by the way?"- I asked.
"Nothing at all." - She said.
"Have you time to go for a breakfast?" - I asked
"Should I think you are asking me for a date?- she asked.
"If that is the way, you will come agree, yes." - I said.
"Where?" - she asked.
"Come no." - I said and offered her my back seat.
There was a bag in the mid, between us.
"Can I hold you?" - she asked.
"Trust me, I am good at riding. You don't need to hold me. You are safe." - I said.
"To feel comfort?" - she asked.
"Trust me. You won't need further. Just try this time." - I said.
"So, have you something to say or should I start?" - she asked.
"If you have, you can." - I allowed.
"Ok then. Be responsive." - she said.
"I will try." - I said.
"Have you girlfriend?"
"Are not you a?"
"Have you a crush?"
"Not at all."
"Will you try again to me?"
"Do you know what are you saying?"
"Shashi, I felt nice when you used to look at me. Others don't look at me, they just stair. I felt nice when you used looking elsewhere, when I looked back at you. Others don't look elsewhere when I look back at them. They just steer me something unpleasant. Shashi I felt good getting your protection, your care and your support for nothing. Others don't do these for nothing. They all are thirsty for I don't need to say." - she said.
"We have come to the hotel." - I said and stopped the bike and asked her to step down.
"Shashi, yarr, I was saying something." - she said.
"Oh, I thought you were proposing me indirectly." - I said.
"Is this what is called a proposal?" - she asked.
"This also is called a proposal. Let's go inside." - I said and we entered into a hotel.
"Can we be serious about this?" - she asked.
"No" - I said.
"Why did you care me that much then?" - she asked.
"When? I don't remember."
"Why did you support me in classroom?" - she asked.
"Cause you were right. And why do you forget this was only me who were often come against you?"
"And why were you looking at me?" - she asked.
"Cause someone had told me that you had crush upon me. I was just being sure about that."
"Then why did try to contact me?" - she asked.
"Just because I thought you are in love with me and don't dare to propose me. This is called waste of time. I was trying your time not to be wasted. But when you told me you don't think about me in that way, I came assure that there is nothing between us. And I continued to me."
"You are not at you Shashi." - she said.
"And how do you know ma'am?" - I asked.
"You forgot you was saying to make your hobby your profession."
"And you told me once that you don't think about me that bad."
"Shashi, is not it called love that we are fighting with each other?"
"This is not love fight ma'am."
"Shashi I know you still love me."
"Best wishes to your knowledge. May they don't be broken.!"
"Shashi, you have to admit it that you loved me."
"And I surrender." - I finally admited. "You were the most beautiful girl in the institute. You have any idea how gorgeous you were looking at the annual function of the institute? I had gone mad upon that one look of your the day. You won't understand. You don't have any idea I had done a fight with Himanshu for the voice of yours, he had recorded in his phone. And finally I deleted that audio. Stupid, I loved you to the limitation of it. And when I asked you, you just simply said no. Do you have any idea how hurting that was for me?"
"Shashi, I was not ready for your that sudden attack." - she said.
"Yes, that has been an attack. And you don't know I too was not ready for your no. The cuteness in our fights in classroom we had, is called love fight. You have no idea what love is called." - I said.
"I tried to connect to you."- she said.
"Whom?" - I asked.
"To all in my circle."
"I am still in contact of everyone. And what was need to ask in your circle? You just simply had to unblock me and text me a message."
"I have changed my phone."
"Still there is an option to unblock, even you are usigng WhatsApp web or application in any device." - I said.
"And you think I am that good in technical problems?"
"Where is your previous phone?"
"It was broken. I did that."
"Whom did you contacted to reach me?
"My mom and dad." - she said.
"And you thought they should be knowing about me?"
"I said I contacted in my circle. And I added that my phone was broken. Then who else remains in my circle?"
"Your brother?"
"He said he did not know."
"So."
"Let's have a deal between us. You have to keep writing stories, pieces of poetry and what you love."
"And you?"
"Think I am a passing cloud who came and went." - she said.
"Fine, then if your presence does not matter, our meeting does the same. Coming a single step ahead, I think we have not met." - I said.
"Shashi, I won't be with you any more. But I want see you at the top of success." - she said.
"If this is you, I am losing because, don't expect something from me." - I said.
"Fine, can I have a hug with you?" - she asked.
"Of course!"
"I love you so much...... that I can't explain in words." - she said and hugged me.
"And you think I don't love you? I love you stupid, still more than former....." - I said and our love story moved to a twist.
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Who knows about what congress in dreams. Dreams make sometimes us pleasant with the joy, waar can never have our entire lives. But thanks that at least I felt her hug in my dream.